75% Rule and Stock Market Game: क्या 5% शेयरधारक शेयर के भाव में उथल-पुथल कर सकते हैं?

75% Rule and Stock Market Game

75% Rule and Stock Market Game: शेयर बाजार में अक्सर ऐसा माना जाता है कि जिन कंपनियों के 95% शेयर प्रमोटर्स (मालिकों) के पास हैं और केवल 5% शेयर ही आम लोगों के पास हैं, उनमें छोटे निवेशक (रिटेल इन्वेस्टर्स) भाव को ऊपर-नीचे कर सकते हैं। लेकिन क्या ये सच है? और अगर सच है, तो ये कैसे मुमकिन है?

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2010 के पहले का समय: जब प्रमोटर्स का दबदबा था

पहले की बात करें, तो 2010 के पहले का समय ऐसा था जब कई कंपनियों में प्रमोटर्स के पास 95% तक शेयर होते थे और केवल 5% शेयर ही आम जनता के पास होते थे। इस स्थिति में, प्रमोटर्स का कंपनी पर पूरा नियंत्रण होता था और वे शेयर बाजार में कंपनी के शेयर के भाव को नियंत्रित कर सकते थे।

सेबी का हस्तक्षेप: 75% Rule and Stock Market Game 75% की सीमा

लेकिन समय के साथ, सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने इस मुद्दे पर ध्यान दिया और 75% की सीमा तय की, जिसका मतलब यह है कि प्रमोटर्स अब 75% से ज्यादा शेयर नहीं रख सकते। इससे बाजार में ट्रांसपेरेंसी बढ़ी और आम निवेशकों को भी शेयरों में हिस्सा बढ़ाने का मौका मिला।

5% निवेशक: क्या वे सच में भाव को बदल सकते हैं?

अब सवाल उठता है कि अगर 5% शेयर आम निवेशकों के पास हों, तो क्या वे शेयर के भाव को प्रभावित कर सकते हैं? इसका जवाब है: संभवतः नहीं।

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आम निवेशक, जिनके पास छोटे हिस्से में शेयर होते हैं, आमतौर पर बाजार में कोई बड़ी हलचल नहीं कर पाते क्योंकि उनके पास पर्याप्त संख्या में शेयर नहीं होते। इसके अलावा, रिटेल इन्वेस्टर्स में एकजुटता की कमी होती है, जिससे वे एक साथ कोई बड़ी खरीद-फरोख्त नहीं कर पाते।

कंपनी की नजर: हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर नजर

बड़ी कंपनियों में प्रमोटर्स और मैनेजमेंट की टीम लगातार इस बात पर नजर रखती है कि कौन कितना शेयर खरीद रहा है 75% Rule and Stock Market Game और कितना बेच रहा है। अगर कोई बड़ा निवेशक कंपनी के शेयर खरीदने की कोशिश करता है, तो प्रमोटर्स को इसकी जानकारी तुरंत मिलती है।

लार्ज कैप और स्मॉल कैप: डर का फर्क

लार्ज कैप कंपनियों के प्रमोटर्स को इस बात 75% Rule and Stock Market Game की चिंता कम होती है, क्योंकि उनके शेयर बड़े पैमाने पर बाजार में होते हैं और किसी एक निवेशक का उनके शेयर के भाव पर खास असर नहीं पड़ता। लेकिन स्मॉल कैप कंपनियों में, जहां शेयर कम होते हैं, वहां प्रमोटर्स को हर गतिविधि पर नजर रखनी पड़ती है।

निष्कर्ष: क्या 5% शेयरधारक शेयर के भाव को बदल सकते हैं?

वास्तविकता में, 5% शेयरधारक शेयर के भाव को बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं कर सकते। प्रमोटर्स और कंपनी का मैनेजमेंट इस बात का पूरा ख्याल रखते हैं कि बाजार में कोई बड़ी हलचल न हो। इसके अलावा, सेबी के 75% नियम 75% Rule and Stock Market Game ने इस बात को सुनिश्चित किया है कि आम निवेशकों का हिस्सा बढ़े और बाजार में पारदर्शिता आए।

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तो क्या 5% शेयरधारक बाजार में हलचल मचा सकते हैं? जवाब है नहीं। और यह समझना जरूरी है कि शेयर बाजार का खेल सिर्फ संख्याओं का नहीं, बल्कि रणनीतियों और नियमों का भी है।

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