How to Trade in Options: ऑप्शन ट्रेडिंग वित्तीय बाजार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जो लोग ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी रखते हैं, उनके लिए यह उत्तर स्पष्ट हो सकता है। ऑप्शन ट्रेडिंग मुख्यतः दो प्रकार से किया जाता है: ऑप्शन्स खरीदकर और ऑप्शन्स शॉर्ट करके पैसे कमाना।
ऑप्शन्स खरीदकर पैसे कमाना- How to Trade in Options
पहले हम यह देखेंगे कि ऑप्शन्स खरीदकर पैसे कमाने How to Trade in Options के लिए हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले, यह समझना जरूरी है कि ऑप्शन्स खरीदने का मूल उद्देश्य आपके पोर्टफोलियो की सुरक्षा करना है, न कि सीधे पैसा कमाना। हालांकि, अधिकांश लोग यह मानते हैं कि ऑप्शन्स खरीदकर भी पैसा कमाया जा सकता है।
मार्केट की दिशा का सही पूर्वानुमान
ऑप्शन्स खरीदकर पैसा कमाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको मार्केट की दिशा का सही पूर्वानुमान होना चाहिए। अगर आप मार्केट के बारे में 99% सही नहीं हैं, तो आपका नुकसान निश्चित है।
बेसिक टर्म्स का ज्ञान
ऑप्शन ट्रेडिंग में सफलता के लिए आपको सभी बेसिक टर्म्स का ज्ञान होना चाहिए। उदाहरण के लिए, “थिटा” एक महत्वपूर्ण टर्म है। थिटा का अर्थ है कि समय के साथ ऑप्शन की वैल्यू घटती जाती है। इसी तरह, “डेल्टा” भी एक महत्वपूर्ण टर्म है, जो बताता है कि मार्केट में बदलाव के कारण आपके ऑप्शन की प्रीमियम में कितना बदलाव आ सकता है।
सही स्ट्रेटजी का चयन
ऑप्शन्स खरीदने के लिए सही स्ट्रेटजी का चयन भी महत्वपूर्ण है। जैसे कि आप किस स्ट्राइक प्राइस का कॉल या पुट ऑप्शन खरीदेंगे, इसका सही चयन करना आवश्यक है। यह जानना भी जरूरी है कि किस चार्ट पैटर्न, कैंडल स्टिक पैटर्न, या इंडिकेटर का उपयोग करना चाहिए।
ऑप्शन्स शॉर्ट करके पैसे कमाना
ऑप्शन ट्रेडिंग का दूसरा प्रकार ऑप्शन्स शॉर्ट करना है। ऑप्शन्स शॉर्ट करने का मतलब है कि आप किसी कॉल या पुट ऑप्शन को पहले बेचते हैं और फिर बाद में खरीदते हैं।
ऑप्शन सेलर का लाभ
ऑप्शन सेलर यानी ऑप्शन राइटर अक्सर फायदे में रहते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि वे समय बेचते हैं। जैसे-जैसे समय बीतता है, ऑप्शन की वैल्यू घटती जाती है, और ऑप्शन सेलर को इससे लाभ होता है।
रिस्क मैनेजमेंट
ऑप्शन शॉर्ट करने के लिए रिस्क मैनेजमेंट भी महत्वपूर्ण है। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप अपने जोखिम को कैसे मैनेज करेंगे, क्योंकि अगर मार्केट आपकी अपेक्षा के विपरीत जाता है, तो आपको बड़ा नुकसान हो सकता है।
निष्कर्ष
ऑप्शन ट्रेडिंग में सफलता पाने के लिए आपको मार्केट की दिशा का सही अनुमान, बेसिक टर्म्स का ज्ञान और सही स्ट्रेटजी का चयन करना जरूरी है। चाहे आप ऑप्शन्स खरीद रहे हों या शॉर्ट कर रहे हों, दोनों ही स्थितियों में जोखिम और लाभ दोनों होते हैं। इसलिए, अच्छी जानकारी और समझ के साथ ही ट्रेडिंग करें।
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FAQs
प्रश्न 1: ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है?
उत्तर: ऑप्शन ट्रेडिंग एक प्रकार का डेरिवेटिव ट्रेडिंग है जिसमें निवेशक किसी स्टॉक, इंडेक्स या अन्य एसेट के भविष्य के मूल्य पर दांव लगाते हैं। इसमें निवेशक कॉल ऑप्शन (खरीदने का अधिकार) या पुट ऑप्शन (बेचने का अधिकार) खरीदते हैं या बेचते हैं।
प्रश्न 2: कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन में क्या अंतर है?
उत्तर: कॉल ऑप्शन एक अनुबंध है जो धारक को एक निश्चित मूल्य पर एक निश्चित तिथि तक एक एसेट खरीदने का अधिकार देता है, जबकि पुट ऑप्शन धारक को एक निश्चित मूल्य पर एक निश्चित तिथि तक एक एसेट बेचने का अधिकार देता है।
प्रश्न 3: ऑप्शन ट्रेडिंग में थिटा और डेल्टा क्या होते हैं?
उत्तर: थिटा समय के साथ ऑप्शन की मूल्य में होने वाली गिरावट को दर्शाता है, जबकि डेल्टा बताता है कि अंडरलाइंग एसेट की मूल्य में 1 यूनिट बदलाव होने पर ऑप्शन की मूल्य कितनी बदलती है। थिटा समय के घटने के साथ ऑप्शन की प्रीमियम घटती है, जबकि डेल्टा ऑप्शन की संवेदनशीलता को मापता है।
प्रश्न 4: ऑप्शन ट्रेडिंग में सफल होने के लिए कौन सी स्ट्रेटजी अपनानी चाहिए?
उत्तर: ऑप्शन ट्रेडिंग में सफल होने के लिए मार्केट की दिशा का सही अनुमान, बेसिक टर्म्स का ज्ञान और सही स्ट्रेटजी का चयन महत्वपूर्ण है। निवेशकों को चार्ट पैटर्न, कैंडल स्टिक पैटर्न, और इंडिकेटर्स का सही उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, रिस्क मैनेजमेंट भी अत्यंत आवश्यक है।
प्रश्न 5: क्या ऑप्शन ट्रेडिंग जोखिमपूर्ण है?
उत्तर: हां, ऑप्शन ट्रेडिंग जोखिमपूर्ण है। इसमें उच्च लाभ की संभावना के साथ उच्च जोखिम भी होता है। यदि मार्केट आपकी अपेक्षा के विपरीत चलता है, तो आपको बड़ा नुकसान हो सकता है। इसलिए, ऑप्शन ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले अच्छी जानकारी और समझ होना आवश्यक है।
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