Why do Loss in Stock Market: दोस्तों, जब भी हम शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते हैं, एक छोटी-सी गलती होती है जो हम में से ज्यादातर लोग करते हैं। यह गलती इतनी आम है कि शायद ही किसी ने इस पर ध्यान दिया हो, लेकिन इसे सुधारने पर हम अपने भावनात्मक उतार-चढ़ाव को काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं। मेरे शुरुआती दिनों में, मैंने भी यही गलती की थी, और इसका खामियाजा मुझे भुगतना पड़ा था। यह गलती आपको शायद किसी भी सोशल प्लेटफार्म पर देखने को नहीं मिलेगी।
तो, वह गलती क्या है?- Why do Loss in Stock Market
ट्रेड के बाद खाते में नफा-नुकसान को बार-बार देखना।
यह सुनने में अजीब लग सकता है, क्योंकि ट्रेडिंग के बाद हम स्वाभाविक रूप से देखना चाहते हैं कि हमें कितना नफा या नुकसान हो रहा है। लेकिन यही आदत हमारी सबसे बड़ी दुश्मन बन जाती है। इसे एक उदाहरण से समझते हैं।
सोहन का उदाहरण
सोहन नाम का एक व्यक्ति एक कंपनी के 1000 शेयर 200 रुपये प्रति शेयर के भाव से खरीदता है। खरीदी के बाद, शेयर की कीमत बढ़कर 202 रुपये हो जाती है। अब सोहन को अपनी ट्रेडिंग के बाद नफा-नुकसान पर ध्यान देने की आदत है, तो वह देखता है कि उसके खाते में 2000 रुपये का नफा हो गया है। कुछ समय बाद, कीमत और बढ़कर 204 रुपये हो जाती है, जिससे नफा बढ़कर 4000 रुपये हो जाता है।
यहाँ तक सब ठीक है। लेकिन जब शेयर की कीमत 204 से घटकर 203 रुपये हो जाती है, तब नफा घटकर 3000 रुपये रह जाता है। और यहीं से असली खेल शुरू होता है। सोहन ने मन ही मन मान लिया है कि उसने 4000 रुपये कमा लिए हैं, इसलिए 1000 रुपये का यह नुकसान उसे सहन नहीं होता। अब सोहन का मन इस इंतजार में लग जाता है कि जैसे ही नफा वापस 4000 रुपये तक पहुंचेगा, वह ट्रेड से बाहर हो जाएगा।
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लेकिन इसके बाद शेयर की कीमत 50 पैसे और गिर जाती है, और नफा घटकर 2500 रुपये रह जाता है। अब, जब स्टॉक फिर से बढ़ता है और 4000 रुपये नफा तक पहुंचता है, तो सोहन सोचता है कि शायद स्टॉक और बढ़ेगा। इसलिए वह अभी भी बाहर नहीं निकलता।
फिर एक गिरावट शुरू होती है, और नफा घटकर 1000 रुपये रह जाता है। सोहन ट्रेड से बाहर नहीं निकलता, क्योंकि वह पहले ही 4000 रुपये का नफा देख चुका होता है। अंत में, या तो ट्रेड नफा रहित बंद होता है, या फिर नुकसान के साथ।
मनोवैज्ञानिक प्रभाव
अब असली कहानी शुरू होती है। सोहन का दिमाग 4000 रुपये के नफे के आंकड़े को पकड़ कर बैठ जाता है। वह मन ही मन तय कर लेता है कि अगली बार किसी भी स्टॉक में इतना नफा होते ही वह बाहर हो जाएगा। इस सोच के साथ, वह ट्रेडिंग के दौरान चार्ट को नजरअंदाज करने लगता है, जो असली तस्वीर दिखाने के बजाय उसके मनोवैज्ञानिक भ्रम का शिकार हो जाता है।
भावनाओं पर नियंत्रण का महत्व- Why do Loss in Stock Market
शेयर मार्केट में सफल होने के लिए यह बेहद जरूरी है कि हम ट्रेड के बाद नफा-नुकसान को बार-बार न देखें। इसके बजाय हमें चार्ट पर ध्यान देना चाहिए, जो हमें सही दिशा में ले जाता है। नफा-नुकसान देखने से हमारा ध्यान लाल और हरे रंग पर केंद्रित हो जाता है, जो हमें गलत दिशा Why do Loss in Stock Market में ले जा सकता है। इसलिए, ट्रेडिंग करते समय, भावनाओं को नियंत्रित करने का तरीका यह है कि आप चार्ट को ध्यान से देखें और नफा-नुकसान की चिंता किए बिना अपने फैसले लें।
निष्कर्ष– Why do Loss in Stock Market
दोस्तों, शेयर मार्केट में यह छोटी-सी गलती बड़े नुकसान Why do Loss in Stock Market की वजह बन सकती है। इसलिए, इसे सुधारें और अपनी ट्रेडिंग रणनीति को मजबूत बनाएं। याद रखें, चार्ट आपकी सच्ची मार्गदर्शक है, न कि खाते में दिखने वाला Why do Loss in Stock Market अस्थायी नफा-नुकसान। अपने भावनाओं पर नियंत्रण रखें और सही समय पर सही निर्णय लें। यही आपके मार्केट में सफल होने का राज़ है।
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